विरेन्द्र सिंह यादव & Veerendra singh Yadev. (2012). लोक साहित्य एवं लोक संस्कृति: परम्परा की प्रासंगिकता एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य. Amog.
Citación estilo Chicagoविरेन्द्र सिंह यादव y Veerendra singh Yadev. लोक साहित्य एवं लोक संस्कृति: परम्परा की प्रासंगिकता एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य. New Delhi: Amog, 2012.
Cita MLAविरेन्द्र सिंह यादव y Veerendra singh Yadev. लोक साहित्य एवं लोक संस्कृति: परम्परा की प्रासंगिकता एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य. Amog, 2012.
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