राम नारायण
![अक्टूबर २०१० में [[दिल्ली]] में राम नारायण](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/c/c7/Ram_Narayan_in_Delhi_2010.jpg)
नारायण का जन्म उदयपुर के पास हुआ और छोटी आयु में सारंगीवादन की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने विभिन्न सारंगी वादन के शिक्षकों और गायकों से शिक्षा प्राप्त की और किशोरावस्था में संगीत शिक्षक और यात्रा संगीतकार के रूप में कार्य किया। आकाशवाणी, लाहौर ने नारायण को १९४४ में गायकों के संगतकार के रूप में रखा। वो १९४७ में भारत के विभाजन के समय दिल्ली आ गये लेकिन संगतकार की भूमिका से आगे बढ़ने के स्थान पर सहायक भूमिका में निराश होकर, नारायण १९४९ में भारतीय सिनेमा के लिए काम करने मुम्बई विस्थापित हो गये।
१९५४ में एक असफल प्रयास के बाद नारायण १९५६ में सहवादन एकल कलाकार बने और तत्पश्चात संगत को त्याग दिया। उन्होंने एकल एलबम अभिलिखित किया और १९६० में अमेरिका और यूरोप की यात्रा आरम्भ कर दी। नारायण ने भारतीय और विदेशी छात्रों को शिक्षा दी और २००० के दशक में भारत के बाहर भी प्रस्तुतियाँ दी। उन्हें २००५ में भारत के द्वितीय सर्वोच्य नागरीक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। विकिपीडिया द्वारा प्रदान किया गया
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