रामधारी सिंह 'दिनकर'
प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी 22 मई, 2015 को नई दिल्ली में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' के कार्यों की स्वर्ण जयंती समारोह में|अंगूठाकार'''रामधारी सिंह 'दिनकर' '''' (23 सितम्बर 1908- 24 अप्रैल 1974) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। राष्ट्रवाद अथवा राष्ट्रीयता को इनके काव्य की मूल-भूमि मानते हुए इन्हे 'युग-चारण' व 'काल के चारण' की संज्ञा दी गई है।
'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओं में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल शृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तियों का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है। विकिपीडिया द्वारा प्रदान किया गया
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2द्वारा Ramdhari Singh Dinakar (रामधारी सिंह दिनकर)पूर्ण पाठ प्राप्त करें
प्रकाशित 2008
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प्रकाशित 2008
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प्रकाशित 2013
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